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मणिपुर में बीजेपी सरकार ने खत्म किया शराबबंदी कानून, सबकी नीतीश सरकार के फैसले पर निगाहें

सत्य खबर/ नई दिल्ली:

शराबबंदी को लेकर देश में खूब राजनीति हुई है. दरअसल, यह एक भावनात्मक मुद्दा होने के साथ-साथ सरकारों के राजस्व स्रोत को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण जरिया भी है। राजस्व बढ़ाने के लिए मणिपुर में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने शराबबंदी कानून को खत्म कर बड़ा कदम उठाया है. राज्य में यह कानून 30 साल पहले बना था. इसीलिए इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

बिहार में भी सीएम नीतीश सरकार ने उठाया था कदम
मणिपुर सरकार के इस बड़े कदम के बाद बिहार में भी शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया था. महिलाओं के अनुरोध पर राज्य सरकार ने यह कदम उठाया था. समय-समय पर इस कानून को खत्म करने की मांग उठती रही है, लेकिन नीतीश सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है.

कब लागू हुआ था शराब निषेध

also read: इन राशि वालों की सुख-सुविधा में होगी वृद्धि, जानें अपने राशि का हालआपको बता दें कि 1991 में मणिपुर शराब निषेध अधिनियम लागू होने के बाद मणिपुर में मादक पेय पदार्थों की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अधिकारी ने कहा, शराब की बिक्री से राज्य को सालाना कम से कम 600 करोड़ रुपये कमाने में मदद मिलेगी। शराबबंदी वापस लेने का फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया.

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